What is your WHY?
अभी हाल ही मैं मैंने एक सेमिनार अटेंड किया था जो finance के ऊपर था जिसमें finance से ज्यादा बातें तो मोटिवेशनल की हो रही थी, ज्यादातर बातें सुनकर तो मै पक गया था लेकिन एक कहानी बहुत अच्छी लगी जो क्रिकेट से जुड़ी हुई है,
बात उस समय की है जब भारत वर्ल्ड कप हार गया था और 20111 का वर्ल्ड कप आनेवाला था, अब कमिटी ने प्लेयर को मोटीवेट करने के लिए माइकल हॉग को बुलाया, अब सब लोगो को लगा कि माइकल हॉग आएंगे और बड़ी बड़ी कहानिया सुनाएंगे सफ़लता के ऊपर और हमारे अंदर जोश भर देगें लेकिन उस दिन उस ड्रेसिंग रूम में कुछ ऐसा हुआ जिसने शायद हमें 2011 का वर्ल्ड कप दिलाया।
What is your WHY?
माइकल हॉग ने आते ही सिर्फ एक सवाल पूछा कि आप लोग वर्ल्ड कप क्यों जितना चाहते हो?
अब कुछ वक्त के लिए तो सब को लगा कि कही ये पागल तो नही हो गया क्योंकि सिंपल है वर्ल्ड कप कोई क्यों जीतेगा अपने लिए अपने देश के लिए अपने परिवार के लिए, अब सब लोग इसी तरह के जवाब देने लगे लेकिन माइकल हॉग ने बोला कि ये सारे जवाब प्रेस में देने के लिए सही है लेकिन इससे वर्ल्ड कप नही जीता जा सकता।
इसी तरह बहुत सारे तर्क और जवाब देते देते आधा दिन गुज़र गया लेकिन सवाल वही था कि आपको वर्ल्ड कप क्यों जितना है? क्योंकि माइकल हॉग का मानना था कि आपका "क्यों" बहुत बड़ा होना चाहिए, अब किसी को समझ मे नही आ रहा कि माइकल आखिर सुनना क्या चाहते है हम सबसे,
उसी दौरान किसी ने पीछे से आवाज दी कि मैं वर्ल्ड कप सचिन के लिए जितना चाहता हु अब ये आवाज किसकी थी पता नही लेकिन अभी के लिए मान लेते है कि युवराज सिंह ने बोला कि मैं यह वर्ल्ड कप सचिन पाजी के लिए जितना चाहता हु, अब युवराज का नाम ही क्यों लिया उसके पीछे दो कारण है सबसे पहला की वह वर्ल्ड कप 2011 के मैन ऑफ द सिरीज़ थे और दूसरा मेरे फेवरिट खेलाड़ी,
यह सुनने के बाद माइकल ने पूछा कि क्यों तुम सचिन के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहते हो तब सभी ने मिलकर बोले कि आज तक सचिन पूरी इंडिया टीम को आगे लेकर आये है अब ये हमारी बारी है कि हम उनके लिए कुछ करे, आखिरकार माइकल को अपना जवाब मिला साथ मे टीम इंडिया को भी अपना जवाब मिला और उसके बाद हर एक मैच के बाद सब खिलाड़ी यही बोलते थे कि ये जीत सचिन के नाम। आगे क्या हुआ वो तो सबको मालूम है,
अगर "क्यों" का सही जवाब मिल जाए तो बात ही अलग है, आप किसी से पूछो की आपको गाड़ी क्यों लेनी है तो कोई बोलेगा की ये मेरा सपना है और कोई बोलेगा की मेरे पापा हमेशा लोकल ट्रांसपोर्ट से सफर करते है इसलिए मुझे उनके लिए गाड़ी लेनी है, कोई पैसे वाला इसलिए बनना चाहता है ताकि वो दुनिया की सारी चीज़ें खरीद सके और कोई इसलिए होना चाहता है ताकि वो अपनी माँ के हाथ मे क्रेडिट कार्ड रखकर बोल सके कि आज जो चाहे वो खरीद लो, कोई पढ़ाई इसलिए करना चाहता है ताकि वो आगे जाकर कही नौकरी कर सके और कोइ इसलिए ताकि आगे जाकर किसी को नौकरी दे सके,
सबका अपना अपना "क्यों" है लेकिन जिसके क्यों मे दम होगा वही आगे तक टिकेगा, बस यही है मेरी जिंदगी की आज की सीख....
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