तब बचपन याद आता है Best Poem by Ashutosh Rana
आज इंस्ट्राग्राम के रील्स के स्क्रोल करते करते आशुतोष राणा की कुछ अनमोल पक्तियां हाथ मे आ गई, जब गूगल में सर्च किया तो गूगल के पास ये पक्तियां थी ही नही इसलिए सोचा लिख दु,
वैसे तो इंसान को अपना बचपन हर वक़्त याद आता रहता है लेकिन कुछ ऐसे वक्त है जब बचपन को याद करते करते आँखे नम हो जाती वह पल इन पंक्तियों में बोलने की कोशिश की है बॉलीवुड जगत के विलन और कवि जगत के महारथी आशुतोष राणा ने, पक्तियां कुछ इस प्रकार है.
Aashutosh Rana Poem on Childhood
जब हम रो नही पाते
सुख से सो नही पाते
जब हम खो नही पाते
तब बचपन याद आता है
जब चिंता सताती है
हमारे तन को खाती है
जब भी मन नही मिलता
तब बचपन याद आता है
जब हम टूट जाते है
जब अपने रूठ जाते है
जब सपने सताते है
तब बचपन याद आता है
बच्चे हम रह नही पाते
बड़े हम हो नही पाते
खड़े भी रह नही पाते
तब बचपन याद आता है
किसी को सह नही पाते
अकेले रह नही पाते
किसी को कह नही पाते
तब बचपन याद आता है
लोगों को सहना तो पड़ेगा अगर हमें अकेलेपन से डर लगता है तो, जिंदगी के हर मोड़ पर हर जगह पर आपको ऐसे लोग मिलेंगे जिस की बातें आपको कड़वी लगेगी जिनके ऊपर आपको इतना गुस्सा आएगा कि आप अपने आप को रोक नहीं पाओगे लेकिन फिर भी आप कुछ कर नहीं पाओगे और ना ही किसी को कुछ कह पाओगे,
यह अकेलापन ही है जो इंसान को पैसो के पीछे भगाता है यह अकेलापन ही है जो इंसान को बुरे काम करने के लिए मजबूर करता है यह अकेलापन ही है जो इंसान को चैन से सोने नहीं देता, यह अकेलापन ही है जो इंसान को चैन से जीने भी नहीं देता, यह अकेलापन ही है जो इंसान को बचपन की याद दिलाता है,
ज्यादातर हम लोगों की शादी में क्यों जाते हैं क्योंकि अगर हम नहीं गए तो अपनी शादी में हम अकेले पड़ जाएगे, हम लोगों की खुशियों में शामिल क्यों होते क्योंकि अगर नही हुए तो अपनी खुशियों में अकेले पड़ जाएंगे, हम लोगों के बुरे वक्त में साथ क्यों देते है क्योंकि अगर नही दिया तो हमारे बुरे वक्त में हम अकेले पड़ जाएंगे,
मेरी नजर में अकेलापन कोई बहुत बड़ी प्रॉब्लम नहीं है लेकिन प्रॉब्लम है, अकेलापन कुछ लोगों के लिए तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम है कुछ लोग ऐसे हैं जिनको अकेलापन काटने दौड़ता है और यही वो लोग है जो किसी को कुछ कह भी नहीं पाते,
बस यही है मेरी जिंदगी की आज की सिख...
3 टिप्पणियाँ
मुझे सिर्फ ऑडियो चाहिए
जवाब देंहटाएंबच्चे हम रह नही पाते
जवाब देंहटाएंबड़े हम हो नही पाते
खड़े भी रह नही पाते
तब बचपन याद आता है
Duniya
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
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