What is global warming in Hindi
कुछ ऐसे टॉपिक है जिसके ऊपर मैंने बहुत स्टडी की है और मुझे ऐसा लगता है की उन टॉपिक को अपने तक नहीं रखना चाहिए उनमे से एक है global warming,
वैसे तो global warming की 100 से भी ज्यादा परिभाषा है लेकिन मै आपको अब तक की सबसे आसान परिभाषा को आसान भाषा में बताने की कोशिश करूँगा ताकि आपको ऐसा ना लगे की आप स्टूडेंट और में टीचर हु।
ग्लोब यानि हमारी पृथ्वी जिसका तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है उसी बढ़ते हुए तापमान को global warming कहते है लेकिन सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण सवाल आपके दिमाग में ये उत्पन्न हुआ होगा की तापमान बढ़ने से क्या प्रॉब्लम है क्योंकि आफ्रिका जैसे देश में तो बहुत तापमान है फिर भी लोग वहा पर रहते है।
Global warming effects in hindi
देखिए तापमान बढ़ने से ज्यादा प्रॉब्लम नहीं है लेकिन उस तापमान की वजह से उतरी ध्रुव पर जो बर्फ जमा है वह बहुत तेजी से पिघलना शुरू हो जाएगा, हमारे भारत में जो हिमालय है वह पिघलना शुरू हो जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो नंदियों में पानी बहुत ज्यादा आएगा और नदियों का पानी समुद्र में मिल जाएगा और अगर समुद्र में पानी की सतह बढ़ जाएगी।
वैज्ञानिकों का मानना है की अगर ये तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा और समुद्र की सतह अगर 5 से 6 इंच भी बढ़ी तो दुनिया के बहुत सारे देश उसमे दुब जाएंगे, मैंने और आपने बहुत बार सुना होगा की समुद्र कितना भी पानी हो उसे अपने अंदर समा लेता है लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि अगर ऐसा होता तो कभी सुनामी नहीं आती।
तापमान के बढ़ने से और भी बहुत सारी परिसानी हो सकती है जैसे की हमारा जीवनचक्र बदल जाता है क्योंकि तापमान का सीधा प्रभाव हमारी कृषि क्षेत्र में पड़ता है और ऐसे कही अनगिनत प्रॉब्लम है जिस पर एक किताब लिखी जा सकती है और पहले से ही उपस्थित है।
Global warming causes in hindi
विश्व स्तर पर एक संधि हुई है जिसका नाम है क्योटो प्रोटोकॉल जिसका मुख्य काम यही है की उस सौर्च का पता लगाया जाए जिसकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है और बहुत सारी रिसर्च के बाद कुछ कारण दुनिया के सामने आये है।
जिसमें से 25% गर्मी मांसाहारी उत्पादन और उसके उदभोग के कारण, 18% बिन जरुरी वाहन के परिवहन के कारण और बाकी की गर्मी उद्योगो, प्रदूषण और कुछ हिस्सा उसमें से खेती और जानवर को द्वारा, इन सब में से सिर्फ एक ही कारण है जिसमें हम योगदान देकर global warming को रोकने में सहायक बन सकते है और वह है मांसाहारी का त्याग करना।
अब आपके दिमाग में ये सवाल हुआ होगा की मांसाहार और global warming का क्या लेना देना, इसको अगर विस्तार से लिखे तो शब्द कम पड़ जायेगे लेकिन शार्ट में कहु तो प्रकृति के बनाये हुए किसी भी चक्र के साथ अगर हम छेड़छाड़ करेंगे तो उसका सीधा असर प्रकृति के वातावरण में दिखाई देगा।
मैं आपको थोड़ा बहुत समझाने की कोशिश करता हूं मांस को रखने के लिए एयर कंडीशनर की जरूरत पड़ती है और एयर कंडीशनर में क्लोरोफ्लोरोकार्बन होता है जो ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारक है और उसी मास को एक जगह से दूसरी जगह लाने के लिए बहुत सारा वाहनों का परिवहन होता है उस वाहनो की वजह से ग्लोबल वार्निंग होता है ये सब एक दूसरे के साथ जुड़े हुए है मतलब अगर आप सिर्फ मांसाहार बन जाते है तो 25%+18% यानि 48% ग्लोबल वार्मिंग को खत्म कर सकते है।
ग्लोबल वॉर्मिंग मेरी नजर में कोई टॉपिक नहीं है ग्लोबल वार्मिंग एक पूरा सब्जेक्ट है जिसके विषय में सब को सोचना चाहिए और सबको इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि मैंने देखा है बड़े-बड़े उद्योगपति को यह कहते हुए कि ग्लोबल वॉर्मिंग नाम की कोई चीज नहीं होती है ये तो सिर्फ हमारा भ्रम है।
ग्लोबल वार्मिंग के बहुत सारे पहलू में से मैंने आज एक एक पहलू को अपने शब्दों में लिखने की कोशिश की है मैं आशा करता हूं कि आपको मेरे प्रयास अच्छा लगा होगा और मेरी यह जानकारी अच्छी लगी होगी अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी है तो हमें जरूर बताएं क्योंकि सबको सब नहीं आता लेकिन सबको कुछ ना कुछ जरूर आता है और उस कुछ को दूसरे के साथ शेयर करने को ही जिंदगी कहते हैं।
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