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Major Dhyan Chand Thoughts | Great people thoughts

अब तक भारत को नव गोल्ड मेडल मिले हैं ओलंपिक में जिसमें से 8 गोल्ड मैडल तो सिर्फ हॉकी के खेल में मिले है और शायद इसीलिए जब भी किसी बच्चे को पूछा जाता है की भारत का राष्ट्रीय खेल कौनसा है तो वह हॉकी बताता है लेकिन हॉकी देश का राष्टीय खेल नहीं है जेसे की हिन्दी देश की राष्टीय भाषा नहीं है लेकिन आज में हॉकी की बाते करने नहीं आया हु मैं बात करने आया हु हॉकी के जादूगर की...
Dhayan Chand Quote
अब तक भारत को नव गोल्ड मेडल मिले हैं ओलंपिक में जिसमें से 8 गोल्ड मैडल तो सिर्फ हॉकी के खेल में मिले है और शायद इसीलिए जब भी किसी बच्चे को पूछा जाता है की भारत का राष्ट्रीय खेल कौनसा है तो वह हॉकी बताता है लेकिन हॉकी देश का राष्टीय खेल नहीं है जेसे की हिन्दी देश की राष्टीय भाषा नहीं है लेकिन आज में हॉकी की बाते करने नहीं आया हु मैं बात करने आया हु हॉकी के जादूगर की...
Dhayan Chand Quote
मुश्किलो से भाग जाना होता है आसान
जिंदगी का हर पल होता है इम्तिहान
डरने वालो को जिंदगी में मिलता कुछ नहीं
लड़ने वालों के कदमों में होता है जहां।
हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की सोच
लांस नायर ध्यानसिंह ही वह नाम है जिसकी बदौलत देश के पास आज 8 गोल्ड मैडल है उसके जीवन का एक प्रशंग बहुत प्रेणादायक है जो हमें बताता है की हमारा हमारे देश के प्रति क्या योगदान होना चाहिए।
ये बात है 1936 के ओलंपिक के फाइनल की जो हुआ था भारत और जर्मनी के बिच में। 25 हजार लोगो से भरे हुए उस स्टेडियम में से एक दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह (Dictator) हिटलर भी था।
उस फ़ाइनल में भारत ने 16 गोल किये और जर्मनी ने 1 गोल और उस 16 गोल में से 15 गोल अकेले ध्यानचंद ने किए थे। ये सब हिटलर देख रहा था। मैच खत्म होने के बाद रात को हिटलर ने ध्यानचंद को अपने कमरे में बुलाया।
हिटलर ने ध्यानचंद से पूछा की हॉकी खेलने के अलावा क्या करते हो। लांच नायर ने बताया की में आर्मी में काम करता हु। तभी दुनिया का तानाशाह ने ध्यानचंद से कहा की तुम्हारे देश ने तुम्हें क्या दिया है आज भी तुम सूबेदार हो हमारे पास जर्मनी में आ जाओ इस देश में तुम्हारी जिंदगी बदल जायेगी।
अब बात देश की आ गई थी इसलिए लांच नायर ध्यानचंद ने जवाब दिया की मेरे देश की जिम्मेदारी नहीं है मुझे आगे बढ़ाने की ये मेरी जिम्मेदारी है की मै अपने देश को कैसे आगे बढ़ाऊ,
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