Motivational story for our society in Hindi

हमारे समाज में इतने रीति रिवाज है जिसकी कोई कल्पना तक नहीं कर सकता और वह सब बहुत ही अच्छे हैं लेकिन वक्त के साथ-साथ कुछ रीति रिवाज ऐसे होते हैं जो बदलना जरूरी होता है। क्योंकि इंसान वही है जो वक्त के साथ बदलता है।  

रीति रिवाज को इंसान ने बनाया था इसलिए उस पर बदलाव करने का हक भी इंसान को है। लेकिन न जाने क्यों बहुत सारे लोग आज भी कुछ ऐसे रिती रिवाज है। जिसे निभाते जा रहे हैं। आज इसी पर एक कहानी याद आई जो लिखना चाहता हु।

एक बार सर्दी के मौसम में कुछ बंदरों को एक पिंजरे में बंद कर दिया गया। उस पिंजरे के एक कोने में बहुत सारे केले थे। जब वह सारे बंदर उस पिंजरे के अंदर गए तब उनमें से किसी एक बंदर को वह केले दिखाई दिए। जैसे ही वह बंदर उस केले खाने के लिए आगे बढ़ा उसके ऊपर ठंडा पानी गिराया गया और उसके साथ साथ वहां पर जितने भी बंदर से उसके ऊपर भी वही ठंडा पानी गिराया गया। 

कुछ देर बाद एक बंदर फिर से उस केले को खाने के लिए आगे बढ़ा। जैसे ही वह बंदर आगे बढ़ा वापस उस बंदर पर और बाकी के सारे बंदरों पर पानी गिराया गया ऐसा बहुत बार चलता ही रहा। 

अब यह बात सारे बंदरो को पता चल गई थी कि अगर उनमें से किसी ने भी उस केले के पास जाने की कोशिश की तो उसके ऊपर और बाकी के सारे बंदर के ऊपर पानी गिराया जाएगा। लेकिन फिर भी एक बंदर उस केले के पास जाने की कोशिश करने लगा। उसे देखते ही बाकी के बंदर उसे पीटने लगे। 

कुछ देर बाद उसमें से एक बंदर को पिंजरे से बाहर निकाला गया और उसके बदले में दूसरा नया बंदर पिंजरे में डाला गया। जैसे ही वह नया बंदर उस पिंजरे के अंदर गया। उसकी नजर उस केले के ऊपर गई वह उस केले को खाने के लिए आगे बढ़ा। उसे आगे बढ़ता देखकर बाकी के बंदर उसे पीटने लगे। 

उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। कुछ देर बाद उनमें से वापस एक बंदर को बाहर निकाला गया और एक नए बंदर को अंदर डाला गया।  जब भी किसी नए बंदर को उस पिंजरे में डाला जाता था तब वह नया बंदर सबसे पहले उस केले के पास जाने की कोशिश करता है और उसे केले के पास जाता देखकर बाकी के सारे बंदर उसे पीटने लगते।  

जप बंदर पहले से उस पिंजरे में थे उसे पता था की बंदर को क्यों पीट रहे हैं? लेकिन जो बंदर बाद में डाले गए थे उसे कुछ भी पता नहीं था फिर भी वह उनके साथ मिलकर बंदर को पीटने लगते थे। 

एक वक्त ऐसा आया जब पिंजरे के सारे बंदर बदल दिए गए उसमें सब के सब नए बंदर थे और पुराने सारे बंदर बाहर निकल गए थे। लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी उसमें से किसी को भी ये पता नहीं था कि अगर हम उस केले के पास जायेंगे तो हम पर ठंडा पानी गिराया जाएगा लेकिन फिर भी उनमें से कोई भी उस केले के पास नहीं जाता था और अगर कोई गलती से भी वहां पर जाने की कोशिश करता था तो बाकी के सारे बंदर उसे पीटने लगते थे।

इसे कहते हैं अंधेरे में तीर मारना। जिसके बारे में हमें कुछ पता नहीं है फिर भी हम कर रहे हैं क्योंकि पुराने लोगों ने ऐसा किया था। जैसा पुराने बंदर कर रहे थे वैसा सारे बंदर करने लगे। 

आज हमारे समाज में ऐसे बहुत सारे रिती रिवाज है जिसके बारे में हमें कुछ पता नहीं है फिर भी हम उसे निभाते जा रहे हैं। क्योंकि हमारे पूर्वजों ने उसे निभाया था। कुछ अच्छे रीति रिवाज होते हैं जिसके पीछे कोई लॉजिक होता है और उसे निभाना हमारा फर्ज है और हमारे लिए बहुत ही ज्यादा अच्छी बात है। 

लेकिन वह रीति रिवाज जो समाज में कोई मायने नहीं रखते वह हम क्यों निभाते है। आज मैं यही कहना चाहता हूं कि अगर आपके आस-पास में कोई ऐसा रीति रिवाज है जिसके पीछे कोई लॉजिक नहीं है। उसे आप निभाना कोई प्रोब्लेम नही है लेकिन अपने बच्चों को उससे दूर रखना। 

 बस यही है मेरी जिंदगी आज की सीख....