किसी की एक गलती को नही उनकी लाख अच्छाइयों को याद रखो motivational story

किसी की एक गलती को नही उनकी लाख अच्छाइयों को याद रखो motivational story
किसी की एक गलती को नही उनकी लाख अच्छाइयों को याद रखो motivational story

मैंने बहुत बार इसे महसूस किया है कि जब भी मुझे अपने relative या फिर अपने friends की किसी बात से चोट पहुंचती है तो मैं उससे नाराज हो जाता हूं और सोचता हूं कि कैसे उनसे दूर चला जाऊं, यह सब बहुत बार मेरे साथ हुआ है लेकिन जब mind calm हो जाता है तब सब कुछ पहले जैसा हो जाता है, maybe ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ देर बाद मुझे उसमें छुपी अच्छाईया दिखने लग जाती है.

मेरा यह मानना है कि जब भी हमें किसी की बात को लेकर बुरा लगे, तो उस एक बात को छोड़कर हमें उस इंसान में छुपी बहुत सारी अच्छाई को ढूंढ ना चाहिए, तब probably हमें उनकी बातें भी बुरी नहीं लगेगी और हमें गुस्सा भी नहीं आएगा,

मेरे दिमाग में यह topic बहुत पहले से पड़ा हुआ था but मेरे पास इस subject पर गहरी knowledge नहीं थी, इसलिए मैंने कभी यहाँ इस subject पर लिखा नहीं, but आज मैंने एक story पढ़ी, जिसे सुनने के बाद यानी कि पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मुझे इस topic को लेकर कुछ बातें आज करनी चाहिए,

Story दो भाइयों की थी जिसमें से एक छोटा भाई था और एक बड़ा भाई था, हम सब जानते है कि जो सगे भाई होते हैं उसमें झगड़ा होता ही है, अगर दो brothers के बीच  में age different  1 या 2 साल का हो तो झगड़ा होना सुनिश्चित है but अगर बड़े brother  से छोटा भाई 5 से 6 साल छोटा हो तो बड़ा भाई कभी उसके साथ झगड़ा नहीं करेगा,

ऐसा भी नहीं है कि अगर दो brothers के बीच में 1 या 2 साल का different हो और झगड़ा होता ही हो, कुछ परिवार की परवरिश ऐसी होती है जहां पर उसे अच्छे  संस्कार दिए जाते हैं जिसकी बदौलत कभी वह झगड़ा नहीं करते, लेकिन फिलहाल में मुद्दे से भटक रहा हूं मैं वापस आ जाता हूं हमारी story पर,

किसी की एक गलती को नही उनकी लाख अच्छाइयों को याद रखो motivational story


दो brothers थे, जो 1 दिन नदी के किनारे पर टहलने के लिए गए but suddenly दोनों में किसी बात को लेकर बहस हो गई और बड़े भाई ने छोटे भाई को चाटा मार दिया, उसी वक्त छोटे भाई ने रेत में लिखा की “मेरे बड़े भाई ने मुझे चाटा मारा" उसके बाद दोनों घर चले गए.

दूसरे दिन वापस दोनों एक साथ नदी की ओर टहलने के लिए निकले, उस दिन छोटा brother suddenly नदी में फिसल गया और डूबने लगा तभी उसके बड़े भाई ने उसे बचा लिया और बाहर आकर छोटे भाई ने एक पत्थर पर लिखा कि “मेरे बड़े भाई ने आज मुझे बचा लिया" यह देखकर big brother ने पूछा कि “जब मैंने तुझे चाटा मारा था तब तुमने रेत पर लिखा था और जब मैंने तुझे बचाया है तब तूने वह पत्थर पर लिखा ऐसा क्यो ?

तब small brother ने कहा कि “जब हमें कोई दुख दे तब हमें रेत पर लिखना चाहिए ताकि वह जल्दी से मिट जाए और जब हमें कोई खुश करे तब हमें पत्थर पर लिखना चाहिए ताकि वह कभी भी मिट ना सके,

कहने का meaning यह था कि जब भी किसी relative या फिर अपने friends की वजह से, उसकी किसी बात को लेकर कभी भी दुख हो तब उस एक बात को परे रखकर उसमें छुपी अनेक अच्छाईया को याद करने की कोशिश करो, maybe उनका बड़े से बड़ा दुःख भी आपको प्यारा लगने लगेगा,

हम common लोगों की एक बहुत बड़ी problem अगर देखी जाए तो वह यह है कि हम किसी एक perticpart बात को लेकर बैठ जाते हैं और उससे आगे आना ही नहीं चाहते, अगर किसी ने हमें भला बुरा कह दिया है तो बस उसी बात को दिन और रात सोचते ही रहते हैं और अपने ही दिमाग में नई नई कहानियां बनाकर अपने आप को ही tension में डालते है,

Childhood की खूबसूरत आदत motivational story


Childhood में होता था ना कि अगर किसी रात को कोई horreh movie को देख लिया तो अपने कमरे को छोड़कर अपने grandparents के साथ सोने चले जाते थे और अपना हाथ दादी के ऊपर और अपना पैर दादा के ऊपर रख कर  मन ही मन सोचते थे कि अगर भूत left side से आया तो मैं दादी को गले लगा लूंगा अगर right side से आया तो मैं दादा को गले लगा लूंगा और अगर ऊपर से आया तो मैं.............? 

न जाने कैसे कैसे thoughts अपने दिमाग में बुनकर अपने आपको ही डराते रहते थे लेकिन exull में ऐसा कुछ नही होता है, आज भी we all knows कि भूत कभी भी आने वाला नहीं है but फिर भी अपने brain में नई नई रणनीति को बनाकर अपने आप को हम ही उलझन में डाला करते है, बहुत सारी और भी बाते करनी है ख़ुदसे और आपसे but फिर कभी, 

बस यही थी मेरी जिंदगी में आज की सिख....