How to improve our personality development #4 Hindi
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How to improve your personality development |
personality development के सेकंड पार्ट में हमने बात करी कि लोगों के सामने कन्वर्सेशन कैसे करें आज हम personality development मे बात करेंगे एक्स्ट्राऑर्डिनरी कम्युनिकेशन स्किल के बारे में , अब कुछ लोगों का सवाल होगा कि आखिर यह होता क्या है , आप लोगों ने बहुत बार लोगों को झगड़ते हुए देखा होगा और बहुत सारे लोगों को किसी बात पर बहस करते हुए देखा होगा हर इंसान अपनी अपनी बातों को लेकर एक दूसरे के सामने बहस करता रहता है कि मैं जो कह रहा हूं वह सही है और तुम जो कह रहे हो वह गलत है ,
लेकिन कभी आप किसी जगह पर यह सब देखें या फिर आप भी कभी यह सब कुछ करते हो इसका मतलब है कि आपकी जो एक्स्ट्राऑर्डिनरी कम्युनिकेशन स्किल है वह एकदम बकवास है क्योंकि हम किसी बात को लेकर अगर किसी के साथ बहस करते हैं इसका मतलब यह है कि हम को किसी के साथ बातें करने नहीं आती अगर हम लोग के साथ बातें करना सीख जाएंगे तभी हम एक अच्छे कम्युनिकेटर बन सकेंगे इसलिए आज का टॉपिक यही है कि हम अपनी एक्स्ट्राऑर्डिनरी कम्युनिकेशन को कैसे इंप्रूव करें ,
how to improve our extraordinary communication skill
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How to improve your personality development |
किसी आर्गुमेंट को अगर आप डिस्कशन में कन्वर्ट करते हो इसे कहते हैं कि हमारी जो एक्स्ट्राऑर्डिनरी कम्युनिकेशन स्किल है वह पर्फेक्ट है यानी अगर आप कोई सेल्समैन हो और किसीने आपके प्रोडक्ट की आपके सामने बुराई करी इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसके सामने argument पर लग जाओ उसके साथ उससे एग्री हो कर उसके साथ बातें करोगे और उस कम्युनिकेशन को एक डिस्कशन का रूप दे दोगे इसका मतलब है कि आप एक अच्छी कम्युनिकेशन स्किल करते हो ,
अब अपने कम्युनिकेशन स्किल को बढ़ाने के लिए हमें क्या करना होगा इसके लिए हमारे पास ऑब्जरवेशन करने की शक्ति होनी चाहिए , सबसे ज्यादा communication skill अपने पेरेंट्स के साथ कन्वर्सेशन करते वक्त काम आती है क्योंकि हमने अभी कुछ बात सुनी भी नहीं होती है और हम कह देते कि नहीं पापा आप नहीं समझोगे इससे क्या होता है कि आपका काफी नुकसान होता है और सामने वाला भी नाराज हो जाता है आपको करना यह है कि आप किसी चीज को अगर ऑब्जरवेशन करेंगे तब जाकर आप किसी के साथ अच्छी कन्वर्सेशन कर सकते हैं ऑब्जरवेशन करने के प्रकार होते हैं
हमने किसी को ठीक से देखा ठीक से पहचाना इसका मतलब यह नहीं है कि उसे पूरी तरह से आब्जर्व कर लिया है किसी भी एंगल को आब्जर्वर करने के लिए आपको उस सिचुएशन को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि हर काम और कनवर्सेशन सिचुएशन के हिसाब से होती है ,
आज के टीनएजर की सबसे बुरी बात यह है कि वह बहुत जल्दी यह सोच लेता है कि उसे सिचुएशन का पता चल गया है बिना किसी बात करे , ऐसा नहीं होता दोस्तों किसी भी सिचुएशन को ठीक से गुजर करने के लिए क्वेश्चन पूछना बहुत जरूरी है यहां पर एक बहुत अच्छी बात खुलकर आ रही है वह क्वेश्चन पूछना किसी भी बात को ठीक से समझने के लिए क्वेश्चंस पूछना बहुत जरूरी है ,
Devlop personality
अगर सामने वाला आपके सामने और कमेंट करता है तो उसे पूछो कि ऐसा क्यों वह भी एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी स्माइल के साथ क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो वह भी एक आर्गुमेंट बन जाएगी , आपने बहुत बार देखा होगा कि जब आप का किसी के साथ झगड़ा होता है तो आप डायरेक्ट प्रतिक्रिया देते हैं वह करते हैं जो सामने वाला कर रहा है लेकिन आपने जगह-जगह पर सिचुएशन को बारीकी अभ्यास किया होगा तो आपको अपनी सिचुएशन को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा आप डायरेक्ट समझ जाएगी कि सामने वाला इंसान गलती कर रहा है
और उसके सामने argument करने की जगह पर आप उसको समझाने की कोशिश करेंगे यानी कि जो अपनी कम्युनिकेशन से वह डिस्कशन में रूपांतर हो जाएगी और हमारे पूरे फैशन का टोपीक यही है कि कैसे हम अपनी आर्गुमेंट को डिस्कशन में कन्वर्ट करें , और किसी भी चीज को ओम सर्व करने के लिए मेडिटेशन बहुत आवश्यक है ,
मैं एक्स्ट्राऑर्डिनरी कम्युनिकेशन स्किल को ज्यादा बातचीत कर कर या ज्यादा एग्जांपल देकर आपके सामने डिफिकल्ट नहीं करना चाहता मेरे बस 2 टॉपिक मे इस सेशन के और वह है कि आप किसी भी आर्गुमेंट को डिस्कशन में कन्वर्ट करें और दूसरा कि किसी सिचुएशन को समझे और सिचुएशन को समझने के लिए क्या करना होगा वह मैंने पहले ही बता चुका हूं अपने how to meditation के ब्लॉग इसलिए मैं यहां पर भी सब कुछ वापस रिपीट नहीं करना चाहता ,
बस यही थी मेरी जिंदगी में आज की सिख....
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