How to improve our personality development #3 Hindi
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How to improve your personality development |
पिछली बार personality development की सीरीज पर हमने बात करी थी कि हम किसी के साथ कम्युनिकेशन कैसे करे , आज personality development का जो टोपीक वह है हमारी बॉडी लैंग्वेज के बारे में , बहुत बार आपने देखा होगा कि जब आप अपने दोस्तों के साथ बातें करते हैं तब आपका ध्यान कहीं और होता है आप बैठे वहां पर है लेकिन आपका मन और आपका दिमाग कहीं और ही चल रहा है उसे हम कहते हैं नर्वस होना या फिर किसी बात से डरना ,
जैसे की हम कभी किसी जॉब इंटरव्यू हो जाते हैं तब भी हमारे यहां होता है वहां बैठे हुए हर इंसान नर्वस होकर बैठा है इस वजह से आप अपने आप को अगर नर्वस नहीं है फिर भी नर्वस फील करवाते हैं इस सब का जो डायरेक्ट कनेक्शन है वह है हमारी बॉडी लैंग्वेज पर ,
हमारी बॉडी लैंग्वेज चेंज हो जाए तो हर मोमेंट हमारा चेंज हो जाता है इसलिए अपनी बॉडी लैंग्वेज को चेंज करना personality development की सीरीज के दौरान बहुत जरूरी है और आज हम अपनी बॉडी लैंग्वेज को चेंज कैसे करें उसके बारे में जानेगे ,
हमारी बॉडी लैंग्वेज चेंज हो जाए तो हर मोमेंट हमारा चेंज हो जाता है इसलिए अपनी बॉडी लैंग्वेज को चेंज करना personality development की सीरीज के दौरान बहुत जरूरी है और आज हम अपनी बॉडी लैंग्वेज को चेंज कैसे करें उसके बारे में जानेगे ,
personality development for job interview
जब आप किसी सोच में डूबे हुए हैं तो एक बार आप अपनी बॉडी को पूरी तरह से देखें कि आपका हाथ कहां पर है आपका पैर क्या मूवमेंट दे रहा है आपकी पूरी बॉडी किस तरह से है सब कुछ देखें जब आप यह सब कुछ देखेगे तो आपको पता चलेगा , सबसे पहली बात कि अगर आप अपनी बॉडी को टेढ़ी-मेढ़ी कर कर बैठे हैं इसका मतलब कि आपका जो ब्लड सरकुलेशन है वह ठीक से नहीं हो रहा है ,
इसलिए आपको सबसे पहले अपनी बॉडी को चेंज करना है अगर आप फोन यूज कर रहे है इसका सबसे गहरा असर हमारे ब्रेन पर होता है अगर आप अपने आप को टेढ़ा मेढ़ा कर कर बैठे है जिस वजह से हमारा ब्लड है वह हमारे माइंड तक नहीं पहुंचता है जिससे हमारी सोचने की क्षमता बहुत कम हो जाती है इसलिए सबसे पहले हमें अपनी बॉडी को उस सिचुएशन से बाहर जाना है और एकदम से तैयार हो जाना है ,
जब आप अपने दोस्तों के साथ या किसी भी जॉब इंटरव्यू में नर्वस हो कर बैठे हैं जो आपकी बॉडी लैंग्वेज है उसे एकदम से आप चेंज कर कर देखें और अपने दिमाग में सोचिए कि हां यार मुझे इस कन्वर्सेशन में या फिर जॉब इंटरव्यू में शामिल होना है तो आप अपने आप को इस काबिल कर पाएंगे कि आप का नर्वस फील है वह दूर हो जाएगा ,
जब आप अपने दोस्तों के साथ या किसी भी जॉब इंटरव्यू में नर्वस हो कर बैठे हैं जो आपकी बॉडी लैंग्वेज है उसे एकदम से आप चेंज कर कर देखें और अपने दिमाग में सोचिए कि हां यार मुझे इस कन्वर्सेशन में या फिर जॉब इंटरव्यू में शामिल होना है तो आप अपने आप को इस काबिल कर पाएंगे कि आप का नर्वस फील है वह दूर हो जाएगा ,
सबसे खास बात की जब आप दुखी हो या फिर नर्वस हो या फिर आपको डर लग रहा है तो अपने जो बॉडी लैंग्वेज है या फिर अपनी जो बॉडी की स्थिति है उसे चेंज कर कर देख कर सब कुछ चेंज हो जाएगा सारा माहौल चेंज हो जायेगा , सबसे खास बात तो यह है कि हमारा ब्लड सरकुलेशन ठीक से होना चाहिए और यह बात में बहुत बार बता चुका हूं ,
सब लोगों को पता होता है कि आखिर ब्लड सरकुलेशन होता क्या है लेकिन कुछ लोग यहां पर ऐसे होगे जिसे शायद नहीं पता होगा तो उसके लिए मैं बता देता हूं कि ब्लड सरकुलेशन मतलब हमारे शरीर में जो ब्लड का परिवहन हो रहा है उसका पूरी बॉडी में अच्छी तरह से घूमना अगर वह अच्छी तरह से पूरी बॉडी में परिवहन हो पाएगा तब वह ब्लड हमारे ब्रेन में भी पहुंचेगा जिस वजह से हमारी सोच करने की क्षमता में बहुत सारा सुधार होगा ,
सब लोगों को पता होता है कि आखिर ब्लड सरकुलेशन होता क्या है लेकिन कुछ लोग यहां पर ऐसे होगे जिसे शायद नहीं पता होगा तो उसके लिए मैं बता देता हूं कि ब्लड सरकुलेशन मतलब हमारे शरीर में जो ब्लड का परिवहन हो रहा है उसका पूरी बॉडी में अच्छी तरह से घूमना अगर वह अच्छी तरह से पूरी बॉडी में परिवहन हो पाएगा तब वह ब्लड हमारे ब्रेन में भी पहुंचेगा जिस वजह से हमारी सोच करने की क्षमता में बहुत सारा सुधार होगा ,
Some besic thinking for personality
एकदम पॉजिटिव होकर आप इंटरव्यू देने के लिए अंदर गए तो क्या होता है कि जब आप वहां अंदर जाते हैं वहां पर बैठे सब लोग एकदम नर्वस हो कर बेठे है जिसे देखकर आप एक बार फिर नर्वस हो जाते है , वह एक समय होता है जब आप उन लोगों के मन को नहीं पढ़ पाते अगर आपने साइकोलॉजी ऑफ फिलॉसफी को पढ़ा भी है फिर भी आप उनके मन को नहीं पढ़ पाते तब क्या करें जब आप उस सिचुएशन से गुजरे सिंपल है दोस्तों कि जो लोग आपके सामने बैठे हैं वह बहुत इंटेलिजेंट और ट्रेन होते है आप लोगों को दिखाने के लिए एकदम नर्वस हो कर बैठे है उसे पता है कि उसे देखकर आप भी नर्वस हो जाएगी ,
इसलिए अपने आप को एकदम से रिलैक्स रखना है और बिल्कुल भी नर्वस नहीं होना है और अपनी बॉडी लैंग्वेज को एकदम से फ्री रखना है और बार-बार अपने मन को कहना है कि मैं कॉन्फिडेंस हूं इससे क्या होता है दोस्तों कि जिस तरह का कमेंट आप अपने मन को देते हैं उसी तरह का रियेक्ट अपना मन करता है , बहुत सारे दोस्त सोचते हैं कि मैं लाइफ रिलेटिव बातें लोगों के साथ शेयर करता हूं फिर मैं माइंड के बारे में बातें क्यों लिखता हूं लाइफ का और माइंड का क्या रिलेशनशिप लेकिन दोस्तों जो रिलेशनशिप लाइफ और माइंड का है उस से गहरा रिलेशनशिप हमारा किसी और के साथ नहीं है ,
क्योंकि हम अपनी लाइफ को अच्छा बनाने के लिए लोगों के साथ बातें करने के सब कुछ अच्छी तरह से करने के लिए अपने आप के बारे में जानना बहुत जरूरी है और आप अपने बारे में सब जान जाएंगे जब आप अपने बॉडी के पूरे पार्ट के बारे में जान पाएगा और हमारे बॉडी का जो सक्रीय पार्ट है जो हमें ट्रेन करता है वह है हमारा ब्रेन ,
मैं आशा करता हूं कि आपको personality development का यह सेशन अच्छा लगा होगा और भी बहुत सारी इसके रिलेटेड बातें आपके साथ लेकर आऊंगा
बस यही थी मेरी जिंदगी में आज की सिख....
बस यही थी मेरी जिंदगी में आज की सिख....
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