Positive thinking : A blog about the Power of positive thinking , different between positive and negative thinking , How do you succeed when you are positive thinking

Power of positive thinking
The Power of positive thinking


 Power of positive thinking


positive thinking के फायदे जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि आखिर positive thinking  है क्या क्योंकि जब तक हमें यह नहीं पता की positive thinking  है क्या तब तब हम पॉजिटिव कैसे हो सकते हैं तो हम सबसे पहले यह जानेंगे कि positive thinking  क्या है कुछ लोग सोचते हैं कि अगर हम सकारात्मक सोच रखते हैं इसका मतलब कि हम अपनी लाइफ में बहुत कुछ बन सकते हैं और लाइफ में बहुत कुछ बनने के लिए सिर्फ और सिर्फ सकारात्मक सोच ही जरूरी है

लेकिन ऐसा नहीं है सकारात्मक सोच के साथ आपके पास दृढ़ निर्णय और उस सोच को आगे ले जाने की पर्याप्त शक्ति होनी चाहिए आप किसी  चीज को पॉजिटिव सोच कर यह नहीं सोच सकते कि अगर मैंने इस एंगल को या फिर किसी भी चीज को पॉजिटिव सोचा है इसका मतलब कि यह 100%  ठीक होगी यही सोचकर वह इंसान जिंदगी की इस दौड़ में नीचे बैठ जाता है , इसलिए सबसे पहले जानना यह बहुत जरूरी है कि आखिर positive thinking  किसे कहते हैं ,

What is positive thinking 

दोस्तों जब हम positive thinking  करते हैं तब हमारा ब्रेन हमें पॉजिटिव ख्याल देता है अगर हम उस पॉजिटिव ख्याल को अपनी लाइफ में उतारते है इसका मतलब है हम सच में पॉजिटिव थिंकिंग करते हैं हमारी सोच सकारात्मक है , मैं थोड़ा डिटेल में आपसे कहना चाहता हूं कि सोचिए कि आपको किसी एग्जाम को क्लियर करना है या फिर अपने किसी एग्जाम के लिए अप्लाई किया है ,

जब आप अप्लाई करेंगे तब आपके सामने बैठे हुए कुछ लोग आपको सजेशन दे दें कि यह रहने दो यह तुमसे नहीं होगा लेकिन अगर आप पॉजिटिव होे तो आप उनसे कहेंगे कि नहीं मैं यह कर सकता हूं और जब आपके दिमाग में यह आएगा कि आप यह कर सकते तब आपका जो subconscious mind  है वह आपको उस कार्य करने के लिए बहुत सारी शक्ति और प्रेरणा देगा ,

तो आपको बस करना इतना है कि आप को उसके हिसाब से आगे बढ़ना है अगर आप उसके साथ साथ चलते रहे तो आप 110%  किसी भी काम को बड़ी आसानी से कर लोगे , बस सिंपल way में पॉजिटिव थिंकिंग इसे ही कहते हैं , और भी बहुत सारी व्याख्या होती है positive thinking  और  लेकिन सबकी अलग-अलग होती है इसी प्रकार मेरे सोच के हिसाब से मैं इसे पॉजिटिव थिंकिंग यानी कि सकारात्मक सोच इसे कहता हूं अगर आप Google में सर्च करेंगे तो आपको इसके बारे में और भी बहुत सारी जानकारियां प्राप्त होगी , लेकिन वहां जाने से पहले सकारात्मक सोच के फायदे पढ़ कर जाना क्योंकि मैंन पॉइंट इस ब्लॉग का यही है ,

positive thinking  का सबसे बड़ा फायदा अगर कोई है तो वह यह है कि हम पूरा दिन खुश रहते हैं , हमारे ब्रेन में किसी भी प्रकार की चिंता या व्यथा नहीं होती है , और इतना तो आप सबको पता है कि जो इंसान चिंता नहीं करता वह इंसान दुनिया का सबसे खुशकिस्मत इंसान है , क्योंकि जिंदगी जीने में सबसे बड़ा कांटा अगर कोई है तो वह है चिंता , पॉजिटिव रहने से आप अपने आप को हल्का महसूस करेंगे और कोई भी मुकाम आपके सामने बहुत छोटा दिखेगा ,

आप हर मुकाम को पार करके सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंच जाओगे , लेकिन किसी भी सक्सेस के ऊंचे पायदान पर पहुंचने के बाद उसके नीचे गिर जाना वह बहुत बुरी बात है जैसे कि कोई बेस्ट मैन एक छक्का छक्का अपनी पारी खत्म करके वापस पवेलियन पर नहीं चला जाता वह पूरी पारी खेलता है इसी प्रकार किसी एक सफलता के पायदान के ऊपर चढ़ने से अगर आप अपने आप को सफल मानने लगे तो आप उस पायदान से बहुत जल्दी नीचे गिर जाएगी और इसे हम पॉजिटिव मेन नहीं कह सकते इसलिए इस बात को हमेशा याद रखना ,


Energy of positive thinking


मेरे पापा खेत का काम करते हैं वह हमेशा यह सोचते है कि उसकी जो फसल होगी वह अच्छी होगी लेकिन वह सिर्फ सोचते नहीं हैं वह दिन-रात उस पर मेहनत भी करते वह  तब जाकर वह फसल अच्छे होती है , सबसे ज्यादा सकारात्मक सोच के जरूरत अगर कही है तो वह है रिश्तो में , क्योंकि जैसी हमारी सोच वैसा मजबूत हमारा रिश्ता ,

 जाते-जाते मैं स्टूडेंट के सकारात्मक सोच के बारे में बात करना चाहता हूं कि बहुत सारे स्टूडेंट ऐसे होते हैं जो एग्जाम को बहुत मायने नहीं देते उसे लगता है कि आने वाली जो एग्जाम है वह तो बहुत इजी है और यही सोचकर वह ओवरकॉन्फिडेंस हो जाते हैं उसे लगता है कि जो हम सोच रहे हैं वह हमारी सोच सकारात्मक है इसलिए हम उस काम में कभी फेल हो ही नहीं सकते लेकिन जैसे कि मैंने कहा कि सिर्फ सकारात्मक सोच रखने से कोई फायदा नहीं है उसके साथ-साथ उस सोच के दिए हुए आदेशों का पालन करना भी बहुत जरूरी है ,

क्योंकि मैंने यह महसूस किया है कि अगर हम सकारात्मक सोच रखते हैं तब हमारा सब कॉन्शस माइंड हमें कोई ना कोई आदेश और सूचना देता है हमें बस उस सूचनाओं का पालन करना है अगर हम इतना नहीं कर पाए तो हमने कुछ नहीं किया , मैंने अपने पावर ऑफ सबकॉन्शस माइंड के आर्टिकल में कहा था कि हम उनकॉन्शस माइंड के गुलाम है लेकिन हम सबकॉन्शस माइंड के गुलाम नहीं है वह हमारे पिता के समान है और हम अपने पिता की बात तो मानते हैं इसलिए उसी प्रकार हमें अपने सब कॉन्शस माइंड की बातें भी माननी चाहिए ,


बस यही थी मेरी जिंदगी में आज की सिख....