Parents ओर son का रिश्ता
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Parents और son part 2 in hindi |
My real experince
आज सुबह सुबह मेरे घर के पास एक बच्चे को मैंने रोते देखा तो मैंने सोचा कि मैं वहां जा कर देखता हूं कि आख़िर मामला क्या है तो मैंने वहां जाकर देखा तो वह बच्चा रो रहा था क्योंकि उसे स्कूल नहीं जाना था ,
उसकी मां उसे बहुत समझा रही थी कि बेटा स्कूल नहीं जाओगे तो क्या करोगे दुनिया में अगर आगे बढ़ना है तो स्कूल जाना जरूरी है ऐसे कॉमन फैक्ट उसे बता रही थी लेकिन बच्चा टच का मच ना हो रहा था उसे स्कूल नहीं जाना था लेकिन क्या करें स्कूल भेजना तो जरूरी है बच्चा रोता ही जा रहा था ,
और मा उसको देखकर वह भी रोने लगी लेकिन फिर भी बच्चा टच का मच ना हुआ , बच्चा वहां से भाग गया उसको लेने के लिए मैं उसके पीछे भागा और उसे लेकर मैं उसको अब उसकी मां के पास छोड़ा , मैंने वहां जाकर देखा तो वह मां रो रही थी मैंने पूछा कि क्या हुआ ,
तो उसने मुझे बताया कि अगर इस बच्चे को आज स्कूल नहीं भेजोगी तो आगे जाकर इसे रोना है इस से अच्छा है कि इसे आज डांट कर स्कूल भेज देती हूं इसका मतलब यह है दोस्तों कि आपके माता पिता आपको डांटते हैं आप को मारते हैं तो वह सिर्फ आपके लिए मारते हैं वह कुछ करते हैं तो सिर्फ आपके लिए करते लेकिन आपको लगता है कि वह सब कुछ जो कर रहे हैं वह उनके लिए कर रहे है ,
यह जो माहौल था वह बहुत ही गंभीरता क्योंकि बच्चे को छोड़ती हुई मां रो रही थी और बच्चा भी रो रहा था इस वक्त क्या करें सबको समझ में नहीं आता है कि अब हम क्या करें अगर बच्चे को स्कूल छोड़ने गया तो उसका जि मचलेगा और वह पूरा दिन रोता रहेगा और अगर उसे नहीं छोड़ा तो उसकी लाइफ बर्बाद हो जाएगी तब क्या करें तो मेरा सजेशन यह है कि उस वक्त आपको अपना कलेजा कठिन रखकर अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जाना चाहिए क्योंकि अगर आपने उस वक्त आपने अपना कलेजा मजबूत नहीं किया तो आगे जाकर आपको भी पता है आपको कितना पछताना है आप कोई नहीं लेकिन सबसे ज्यादा इसकी कीमत आपके बेटे को देनी है ,
उसकी मां उसे बहुत समझा रही थी कि बेटा स्कूल नहीं जाओगे तो क्या करोगे दुनिया में अगर आगे बढ़ना है तो स्कूल जाना जरूरी है ऐसे कॉमन फैक्ट उसे बता रही थी लेकिन बच्चा टच का मच ना हो रहा था उसे स्कूल नहीं जाना था लेकिन क्या करें स्कूल भेजना तो जरूरी है बच्चा रोता ही जा रहा था ,
और मा उसको देखकर वह भी रोने लगी लेकिन फिर भी बच्चा टच का मच ना हुआ , बच्चा वहां से भाग गया उसको लेने के लिए मैं उसके पीछे भागा और उसे लेकर मैं उसको अब उसकी मां के पास छोड़ा , मैंने वहां जाकर देखा तो वह मां रो रही थी मैंने पूछा कि क्या हुआ ,
तो उसने मुझे बताया कि अगर इस बच्चे को आज स्कूल नहीं भेजोगी तो आगे जाकर इसे रोना है इस से अच्छा है कि इसे आज डांट कर स्कूल भेज देती हूं इसका मतलब यह है दोस्तों कि आपके माता पिता आपको डांटते हैं आप को मारते हैं तो वह सिर्फ आपके लिए मारते हैं वह कुछ करते हैं तो सिर्फ आपके लिए करते लेकिन आपको लगता है कि वह सब कुछ जो कर रहे हैं वह उनके लिए कर रहे है ,
यह जो माहौल था वह बहुत ही गंभीरता क्योंकि बच्चे को छोड़ती हुई मां रो रही थी और बच्चा भी रो रहा था इस वक्त क्या करें सबको समझ में नहीं आता है कि अब हम क्या करें अगर बच्चे को स्कूल छोड़ने गया तो उसका जि मचलेगा और वह पूरा दिन रोता रहेगा और अगर उसे नहीं छोड़ा तो उसकी लाइफ बर्बाद हो जाएगी तब क्या करें तो मेरा सजेशन यह है कि उस वक्त आपको अपना कलेजा कठिन रखकर अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जाना चाहिए क्योंकि अगर आपने उस वक्त आपने अपना कलेजा मजबूत नहीं किया तो आगे जाकर आपको भी पता है आपको कितना पछताना है आप कोई नहीं लेकिन सबसे ज्यादा इसकी कीमत आपके बेटे को देनी है ,
बच्चे को मारा पीटा और फिर उसे स्कूल भेजा कुछ साल तक यह सब कुछ चला कुछ साल बाद बच्चा अपने आप स्कूल जाने लगा स्कूल जाते जाते वह बहुत कुछ सीखने लगा जैसे की आप सब को सब पता है कि जब बच्चा छोटा होता है तब उसके माइंड पावर बहुत ज्यादा होता है वह सब कुछ वह उन सालों में सीख लेता है जितना वह आगे की जिंदगी में कभी नहीं सीख पाएगा , आपने शायद एक बात नोटिस करी होगी कि जो बच्चा 5 साल में अपनी मातृभाषा सीख लेता है वही बच्चा सट्टे क्लास से लेकर पूरी जिंदगी इंग्लिश सब्जेक्ट को पड़ता है फिर भी वह इंग्लिश को नहीं सीख पाता ऐसा क्यों होता है,
ऐसा इसलिए होता है कि बच्चे जब छोटे होते हैं तब उसका अन कॉन्शियस माइंड जो होता है वह अभी सक्रिय नहीं होता है उसका जो सब कॉन्शस माइंड होता है वह बिल्कुल पूरी तरह से सक्रिय होता है जिस कारणवश वह सब कुछ वह कर सकता है जो उसे अभी करना चाहिए वह सब कुछ वह सीख लेता है जो उसे सीखना है ,
इस दौरान उसे कुछ भी कठिनाइयों का सामना करना नहीं पड़ता उसके याददाश्त बहुत तेज होती है उस दौरान अगर आप उसे कुछ काम करने के लिए कहोगे कि जाओ बेटा वहां पर जाकर वह लेकर आओ वह खुशी-खुशी लेकर आएगा लेकिन जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ेगी उसका अन कॉन्शियस माइंड सक्रिय होने लगेगा और जैसे उनका unconscious mind सक्रिय होगा उसे कुछ भी काम करने में अच्छा नहीं होगी और वह आपको भी टालने लगेगा वह आपका कोई काम करेगा नहीं वह उनका हर काम अधूरा रहने लगेगा तो मैं आपसे सजेस्ट करूंगा कि जब तक आपका बेटा छोटा है तब तक आपको जितना बन पाए उतना ज्ञान उसे दीजिए ,
इस दौरान उसे कुछ भी कठिनाइयों का सामना करना नहीं पड़ता उसके याददाश्त बहुत तेज होती है उस दौरान अगर आप उसे कुछ काम करने के लिए कहोगे कि जाओ बेटा वहां पर जाकर वह लेकर आओ वह खुशी-खुशी लेकर आएगा लेकिन जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ेगी उसका अन कॉन्शियस माइंड सक्रिय होने लगेगा और जैसे उनका unconscious mind सक्रिय होगा उसे कुछ भी काम करने में अच्छा नहीं होगी और वह आपको भी टालने लगेगा वह आपका कोई काम करेगा नहीं वह उनका हर काम अधूरा रहने लगेगा तो मैं आपसे सजेस्ट करूंगा कि जब तक आपका बेटा छोटा है तब तक आपको जितना बन पाए उतना ज्ञान उसे दीजिए ,
Dont use smartphone
अब बच्चा 10 साल का हो गया और 10 साल का बच्चा तो कुछ ज्यादा तो नहीं लेकिन कुछ कुछ तो समझने लगता है और बहुत कुछ ऐसी बातें भी समझने लगता है जैसी बातें शायद उसे ना भी समजनी चाहिए क्योंकि आजकल जमाना बदल गया है लोग बदल गए हैं ,
आज कल तो जमाना है वह स्मार्टफोन का जमाना है हर पेरेंट्स एक सबसे बड़ी गलतियां करते हैं कि छोटी सी उम्र में अपने बेटे को स्मार्टफोन थमा देते हैं ,तो अगर आप ऐसी गलती करेंगे तो आपको बहुत पछताना पड़ेगा क्योंकि स्मार्टफोन ऐसा रेडिएशन पैदा करता है जो छोटे बच्चों को बहुत प्रॉब्लम देता है और सबसे गंभीर बीमारी होती है उनको ब्रेन ट्यूमर हो जाता है और ब्रेन ट्यूमर ही गंभीर बीमारी है अगर आपने यह आज ध्यान में नहीं लिया तो आगे जाकर आपको पछताना पड़ेगा आगे जाकर आपको नहीं आई एम सॉरी आगे जाकर आपके बेटे को पछताना पड़ेगा इसलिए जब तक आपका बेटा 18 साल का नहीं होता तब तक प्लीज उसे स्मार्ट फोन से वाकिफ मत करो ,
एक और बात कि आजकल के टेक्निकल जमाने में सब लोग सोचते हैं कि हम अपने बेटे को ऑनलाइन स्टडी करवाएंगे तो उन्हें एक लैपटॉप दिलाते हैं और एक बेटा स्टडी करो लेकिन यह बिल्कुल सही नहीं है बुक्स पढ़ना बहुत अच्छी बात है अगर आप बुक्स में से कुछ सीखते हैं तो आपके लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन आप कुछ इंटरनेट से कुछ सीखते हैं तो वह भी सही है लेकिन इस उम्र में बिल्कुल नहीं ,
आप उसे इंटरनेट की सुविधा दीजिए लेकिन 18 साल के बाद यह मेरा सजेशन रहेगा ,तब तक आप उन्हें सिर्फ और सिर्फ बुक के पीछे उन्हें तरह-तरह की बुक्स पढ़नी चाहिए और वह नहीं जो उसके सब्जेक्ट है उन्हें वह बुक भी पढ़ने को कहिए जो उनके सब्जेक्ट नहीं है जैसे कि जनरल नॉलेज कुछ कॉमन कॉमिक्स बुक स्कूलों की बुक कुछ सामाजिक बुक्स एसएससी बुक्स उसे पढ़ने को प्रेरित कीजिए अगर वह ऐसी बुक्स पड़ेगा तो उसे आगे जाकर बहुत फायदा होगा ,
Parents mistakes
१) कभी कभी हमारा बेटा किसी एक चीज के लिए हमारे पास जिद करता है कि मुझे वह चाहिए और पेरेंट्स को पता होता है कि यह उनके लिए ठीक नहीं है फिर भी उनके जीत के आगे वह झुक जाते हैं तो वह उनकी सबसे बड़ी गलती है अगर बच्चा जिद करता है तो अपनी आंखों को बड़ा कर कर उसे चुप कर दीजिए और यही सही है उनके लिए ,
२) कुछ बच्चे बहुत शरारती होते हैं लेकिन शरारती होना बुरी बात नहीं है लेकिन बहुत ज्यादा हो जाना बुरी बात है तो आप उन बच्चों को सही राह बताएं ,
३) कुछ लोग बहुत अमीर होते हैं तो वह क्या करते अपने बेटे को वह सब कुछ देते हैं जिसकी वह जिद करता है जैसे कि चाकलेट या फिर जो चाहिए उसे दे देते लेकिन वह सब कुछ उन्हें नहीं पता कि वह सब कुछ आगे जाकर उन्हें बहुत तकलीफ देते हैं बहुत सारी बीमारियां ऐसी होती है जो उन से होती है इसलिए ऐसा कुछ भी उसे मत दीजिए कि उसे आगे जाकर बीमारी हो , ज्यादातर वह बच्चे ही हमें बीमारी के शिकार होते हैं जो अमीर होते हैं क्योंकि उसे वह सारी सुख सुविधाएं मिली होती है जो उसे चाहिए होती है ,
४) उस वक्त क्या करे जब आपका बेटा स्कूल ना जाने के लिए जीते करें उस वक्त ही किया करिए कि उसकी एक दुखती नस पर हाथ रख दीजिए जैसे कि बच्चों को कहानी सुनने का बहुत शौक होता है बच्चों को मोबाइल में गेम खेलने का बहुत शौक होता है बच्चों को TV देखने का बहुत शौक होता है , तो उसे इंन सबकी लालच दे और स्कूल भजे ,
सॉरी दोस्तों बहुत ज्यादा हो गया इतना ही आज आज के आटे के लिए अगला पार्ट में लेकर आऊंगा , तब तक के लिए टेक केयर एंड गुड बाय ,
बस यही थी मेरी जिंदगी में आज की सिख....
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