Island का सफर part 6 - working new boat

Island का सफर एक बहादुर बच्चे की कहानी

हेलो दोस्तों आज मैं आपके लिए लाया हूं island की सफर पार्ट 6 अगर आपने पहले वाले पार्ट अभी तक नहीं देखे हैं तो जरूर देखें बहुत ही अच्छी स्टोरी है और हां दोस्तों आज तक हमने जिस लड़के के बारे में बात करी है उसका नाम मैं आपको आगे के ब्लॉग में बताऊंगा तब तक के लिए शुरू करते हैं island की सफर ,
सीरियल की प्रोमो की तरह अब तक जो कुछ हुआ उसको थोड़ा डिटेल में आप सबके साथ शेयर करना चाहता , अब तक हमने देखा कि एक लड़का था जिसने अपनी लाइफ में कभी भी समुद्र नहीं देखा था एक बार अपने दोस्त को छोड़ने के लिए वह समुद्र पर जाता है अपने दोस्त को अलविदा कहने के लिए वह शिप में जाता है अचानक शिप स्टार्ट हो जाती है लड़का उत्तर नहीं सकता और शिप चलने लगती है अचानक समुद्र में तूफान आता है और शिप नीचे गिर जाते हैं तो फिर उस बच्चे के हाथ में एक लकड़ी का टुकड़ा आ जाता हैं और वह एक island में जााता है वह रोज उस island में घूमता रहता ,
तभी अचानक उसके दिमाग में एक खयाल आया कि क्यों ना मैं एक छोटी सी नाव बनाओ जिसके जरिए में यहां से निकल पाओ उसने एक नाव बनाएं वह बहुत बड़ी थी उस नाव को पानी में उतारना उसके बस का नहीं उस इसलिए उसने एक छोटी नाव बनाने का काम शुरू कर दिया ,
सीरियल की प्रोमो की तरह अब तक जो कुछ हुआ उसको थोड़ा डिटेल में आप सबके साथ शेयर करना चाहता , अब तक हमने देखा कि एक लड़का था जिसने अपनी लाइफ में कभी भी समुद्र नहीं देखा था एक बार अपने दोस्त को छोड़ने के लिए वह समुद्र पर जाता है अपने दोस्त को अलविदा कहने के लिए वह शिप में जाता है अचानक शिप स्टार्ट हो जाती है लड़का उत्तर नहीं सकता और शिप चलने लगती है अचानक समुद्र में तूफान आता है और शिप नीचे गिर जाते हैं तो फिर उस बच्चे के हाथ में एक लकड़ी का टुकड़ा आ जाता हैं और वह एक island में जााता है वह रोज उस island में घूमता रहता ,
तभी अचानक उसके दिमाग में एक खयाल आया कि क्यों ना मैं एक छोटी सी नाव बनाओ जिसके जरिए में यहां से निकल पाओ उसने एक नाव बनाएं वह बहुत बड़ी थी उस नाव को पानी में उतारना उसके बस का नहीं उस इसलिए उसने एक छोटी नाव बनाने का काम शुरू कर दिया ,
बहुत दिनों की मेहनत के बाद उस लड़के ने अपने लिए एक अच्छी नाव तैयार कर ली वह बहुत खुश था उसे लगा कि इस बार वह अपने घर जरूर जा पाएगा इस बार उसके नाव पानी में उतरने के लायक थी नाव को पानी के पास रखकर वह जाने की तैयारी करने लगा अपने पास जो खाने का सामान था वह रास्ते के लिए ले लिया कुछ फल भी साथ में ले लिए ,
नाव को चलाने के लिए दो हालेशे चाहिए थे इसके लिए उसने पेड़ में से दो बहुत ही मजबूत डाली को काटकर उसमें से उसने दो हलेसे बना लिए अब वह नाव की ओर जाने लगा बहुत महीने हो चुके थे अब उसका रिश्ता भी हो गया था उस island के साथ जाते-जाते उसे थोड़ा दुख तो हुआ
नाव को चलाने के लिए दो हालेशे चाहिए थे इसके लिए उसने पेड़ में से दो बहुत ही मजबूत डाली को काटकर उसमें से उसने दो हलेसे बना लिए अब वह नाव की ओर जाने लगा बहुत महीने हो चुके थे अब उसका रिश्ता भी हो गया था उस island के साथ जाते-जाते उसे थोड़ा दुख तो हुआ
उसे आदत हो गई थी उस माहौल से उस जगह से वहां चारों ओर के पानी से वहां के नेचर से सबसे ज्यादा लगाव् तो वहां की सुबह से हो गई थी अगर हम सुबह का एहसास करते हैं तो बहुत ही स्पेशल होता है और island की सुबह तो और भी स्पेशल होती है
सुबह-सुबह दरिया अपनी लहरों की आवाज से हमें उठाता है जैसे घर पर हमें कोयल की आवाज सुन रहे हो दोस्तों अगर आपको कभी समुंदर के पास बैठकर ध्यान से सुनेंगे तो आपको लगेगा कि आप म्यूजिक सुन रहे हैं वहां के रंग-बिरंगे फूलों से उसे बहुत लगाव हो गया था और सबसे ज्यादा वहां का पानी सॉरी मैं तो मजाक कर रहा था समुद्र का पानी आखिर किसे पसंद होता है उसको दूर से देखने में मजा बहुत आता है ,
सुबह-सुबह दरिया अपनी लहरों की आवाज से हमें उठाता है जैसे घर पर हमें कोयल की आवाज सुन रहे हो दोस्तों अगर आपको कभी समुंदर के पास बैठकर ध्यान से सुनेंगे तो आपको लगेगा कि आप म्यूजिक सुन रहे हैं वहां के रंग-बिरंगे फूलों से उसे बहुत लगाव हो गया था और सबसे ज्यादा वहां का पानी सॉरी मैं तो मजाक कर रहा था समुद्र का पानी आखिर किसे पसंद होता है उसको दूर से देखने में मजा बहुत आता है ,
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Island का सफर एक बहादुर बच्चे की कहानी |
सब कुछ याद करके वह अपनी नाव की ओर जाता है और नाव को पानी में उतार कर उसमें बैठ जाता है
अब वह वहां से निकल गया था लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह कहां जा रहा है लेकिन कहीं भी जाए इस island से वह बहुत दूर चला जाना चाहता था बस इरादे इतने थे कि अपने नहीं बस पराए लोगों के पास पहुंच जाव् , वह अपने नाव को चलाने लगा उसे डर भी बहुत लग रहा था कोई भी इंसान अगर एक बार मौत को सामने से देख ले तो जिंदगी में उसे वापस मौत से डर नहीं लगता और यह मैं नहीं कह रहा हूं बड़े-बड़े लोगों के मुंह से मैंने यह बातें लो इसलिए सोचा कि आपको भी बता दू ,
अब वह आइसलैंड से बहुत दूर निकल गया वहां से आइसलैंड बहुत छोटा दीख रहा था थोड़ी और देर चलने के बाद उसे आइसलैंड दिखना ही बंद हो थो वह बहुत दूर आ गया था समुद्र की लहरों से डर भी लग रहा था कभी-कभी बीच में वह थक जाता था तब वह थोड़ी देर आराम कर लेता था और वापस नाव चलाने लगता ना दूर-दूर तक कोई भी जहाज या सिर्फ उसे नजर नहीं आ रही थी अगर कुछ दिख रहा था तो वहां सिर्फ पानी , बहुत देर तक नाव चलाने के बाद रात हो गई वह नाव में ही सो गया ,
सुबह हो गई लेकिन दूर-दूर तक उसे ना ही कोई किरण नहीं दिख रही थी और ना ही कोई आशा दिखाई दे रही थी दोस्तों किरण और आशा कोई लड़कियों का नाम नहीं है मतलब कि दूर-दूर तक उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन वह कहते हैं ना कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं आखिरकार उसे बहुत दूर कुछ दिखाई दिया कोई गांव था यह पता नहीं क्यों लेकिन उसने उस दिशा को अपने नाव को आगे बढ़ाया पास दिखने वाली उस जगह पर पहोच ना बहुत कठिन था क्योंकि वह भी बहुत ही दूर थी , लेकिन फिर भी वह नाम चला था गया वहां तक पहुंचने के लिए उसे दोपहर लग गई , जब वह वहां पहुंचा तो वहां पर किनारे कुछ बच्चे खेल रहे थे
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