Island का सफर part 4 - making small boat
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Island का सफर एक बहादुर बच्चे की कहानी |
दोस्तों हम बात कर रहे हैं island के सफर की , एक सुबह जब उसकी आंख खुली तब उसके दिमाग में एक ख्याल आया कि क्यों ना मैं लकड़ियों से एक छोटा सा नाव बनाओ यही सोचकर उसने लकड़ी के लिए एक अच्छा सा पेड़ खोजने का काम शुरू कर दिया पेड़ खोजने के लिए निकला तभी उसकी नजर कुछ डिबे पर पड़ी वह उसकी तरफ जाने लगा वहां जाकर उसने वह डिब्बा खोला तो देखा उसमें बहुत सारे बिस्किट और ब्रेड थी जो शायद किसी शिप की होगा जो समुंदर में गिर गया होगा ,
यह सब कुछ तेेेर कर इस island में पहुंच गया होगा उसने उस डिब्बे को अपने पास रख लिया और उसमें से कुछ बिस्किट निकालकर वह खाने लगा वह बहुत खुश था 2 कुछ दिनों से उसने ऐसा कुछ भी नहीं खाया था बहुत सारे बिस्किट और ब्रेड खाने के बाद वह उस डिब्बे को वहीं छोड़ कर पेड़ की खोज में निकल पड़ा बहुत मेहनत के बाद उसे एक पेड़ दिखा लेकिन तब तक वह बहुत थक गया था इसलिए वह थोड़ी देर के लिए वही आराम करने के लिए बैठ गया ,
फिर थोड़ी देर बाद वह काम पर लग गया कुछ डाली को काट के वह रस्सी खोजने निकल पड़ा लेकिन रसीद तो नहीं मिली उसके बाद उसने वेल का इस्तेमालवेल बहुत मेहनत के बाद उसे एक अच्छी सी नाव बनाएं लेकिन वह ना इतनी छोटी सी उसे समुंदर में नहीं उतारा जा सकता था क्योंकि उसे समुद्र तट हो जाना मुश्किल था ,
यह सब कुछ तेेेर कर इस island में पहुंच गया होगा उसने उस डिब्बे को अपने पास रख लिया और उसमें से कुछ बिस्किट निकालकर वह खाने लगा वह बहुत खुश था 2 कुछ दिनों से उसने ऐसा कुछ भी नहीं खाया था बहुत सारे बिस्किट और ब्रेड खाने के बाद वह उस डिब्बे को वहीं छोड़ कर पेड़ की खोज में निकल पड़ा बहुत मेहनत के बाद उसे एक पेड़ दिखा लेकिन तब तक वह बहुत थक गया था इसलिए वह थोड़ी देर के लिए वही आराम करने के लिए बैठ गया ,
फिर थोड़ी देर बाद वह काम पर लग गया कुछ डाली को काट के वह रस्सी खोजने निकल पड़ा लेकिन रसीद तो नहीं मिली उसके बाद उसने वेल का इस्तेमालवेल बहुत मेहनत के बाद उसे एक अच्छी सी नाव बनाएं लेकिन वह ना इतनी छोटी सी उसे समुंदर में नहीं उतारा जा सकता था क्योंकि उसे समुद्र तट हो जाना मुश्किल था ,
Making small boat
एक बार फिर हिम्मत करके वह पेड़ के नीचे सो गया दोपहर के बाद जब वह उठा तो सोचने लगा अब क्या करूं बहुत सोचने के बाद उसने एक एक बड़ी नाव बनाने के बारे में सोचा अब वह नाव के लिए फिर से पेड़ खोजने के लिए निकल पड़ा रास्ते उसने कुछ इंसान की खोपड़ीया देखिलेकिन उसने उसको इग्नोर कर दिया वह आगे बढ़ने लगा चलते चलते बार-बार समुंद्र की तरफ देखता रहता शायद उसे कोई शिप या नाव दिखाई दे बहुत देर चलने के बाद रात हो गई थी और वह थक भी गया था इसलिए वह वही सो गया
आज के लिए बस इतना ही आगे की कहानी कल देखते हैं और इस कहानी में मैं बहुत कुछ आपके लिए जाने वाला हूं शायद अगर आपको यह ब्लॉग अच्छा ना लगा हो तो प्लीज मुझे कमेंट करें ताकि मैं और मैं इस ब्लॉग में ज्यादा वर नहीं लिख सकता क्योंकि मुझे बहुत काम होता है और मैं यह सब अगर एक ही दिन में कर लूंगा तो शायद मेरा यह जो मेरे लाइफ रिलेटिव आपके लिए बोला था वह ठीक से नहीं लिख सकता इसलिए मैं रोज थोड़ा थोड़ा करक आपके लिए लावूूगा जरुर
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