Island का सफर part 3 - Island की पहली सुबह
Island की सफर पार्ट 3 , अगर आपने इस सफर के पार्ट वन और पार्ट्ट 2 को नहीं देखा तो मैंने नीचे उसकी लिंक दी हुई है सबसेे पहले वह पढ़े उसके बाद यह पढ़े। पहली बार जब हम कुछ करते हैं तब हमें डर लगता है मन में तरह-तरह के ख्याल आते हैं क्या होगा कैसे होगा जिनकी में ऐसी बहुत सारी बातें और एक्सपेरिमेंट जो हम पहली बार करने वाले हैं तो दोस्तों अपना हर कदम सोच समझकर उठाना चाहिए , यह एक सिख थी जो मैं आप तक पहुंचाना चाहता था अब हम बात करेंगे हमारे पार्ट 3 की ,
यकीन नहीं हो रहा था उसे यह सब कुछ क्या हो गया कहां था मैं कहां पर आ गया अब क्या करूं घर पर सब लोग मेरा इंतजार कर रहे होगे , ऐसे तो बहुत सारे सवाल उसके दिमाग में लेकिन जवाब कोई नहीं था , लेकिन रास्ता उसके सामने था वह अपनी मंजिल को ना जानते हुए भी उस रास्ते की ओर चलने लगा ,
बहुत देर तक उस island पर चलने के बाद उसे यह यकीन हो गया था कि यहां से निकलने का एक भी रास्ता नहीं है वह एक बहुत ही अजीब दुनिया में पहुंच चुका है , लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह किसी island में फंस गया है ,
वहां पर ना ही मीठा पानी था और नहीं कुछ खाने के लिए था , बहुत देर सोचने के बाद वह वापस चलता ही जा रहा था , वहां पर खाने के लिए कुछ और ना सही लेकिन नारियल के पेड़ थे लेकिन वह भी बहुत अच्छे थे वहां पर पहुंचना उसके लिए बहुत ही मुश्किल था उसने सोचाे की शायद आगे जाकर उन्हें कुछ मिल जाए ,
बहुत देर तक उस island पर चलने के बाद उसे यह यकीन हो गया था कि यहां से निकलने का एक भी रास्ता नहीं है वह एक बहुत ही अजीब दुनिया में पहुंच चुका है , लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह किसी island में फंस गया है ,
वहां पर ना ही मीठा पानी था और नहीं कुछ खाने के लिए था , बहुत देर सोचने के बाद वह वापस चलता ही जा रहा था , वहां पर खाने के लिए कुछ और ना सही लेकिन नारियल के पेड़ थे लेकिन वह भी बहुत अच्छे थे वहां पर पहुंचना उसके लिए बहुत ही मुश्किल था उसने सोचाे की शायद आगे जाकर उन्हें कुछ मिल जाए ,
Island की पहली सुबह
सुबह जब उसकी आंखें खुली तब वह थोड़ी देर इधर-उधर देखने के बाद उसे यह पता चल गया था कि वह एक अजनबी दुनिया में है और यहां पर चलने के अलावा उसके पास और कोई चारा ही नहीं है इसलिए उसने आगे का सफर शुरू किया , आगे चलने के बाद उसे कुछ ऐसे नारियल के पेड़ दिखे जो कम ऊंचाई पर थे वह उसकी तरफ दौड़ने लगा , वहां जाकर उसने देखा कि वह नारियल भी कुछ ऊंचाई पर थे लेकिन उसने बिना हार माने नारियल पर चढ़ने की कोशिश करें बहुत मेहनत के बाद वह नारियल पर पहुंच गया ,
अब उसके पास खाने और पीने का बंदोबस्त हो गया था , दो से तीन नारियल उतारकर वह उसी नारियल के नीचे बैठ गया और उसे खाने लगा सबसे पहले उसने उस नारियल का मीठा मधुर पानी पिया उसके बाद उसमें जो मिलाई थी वह खाने लगा , अब तक उसे यह पता चल गया था कि यहां से बाहर निकलना नामुमकिन है जब तक जीना है यहीं पर जीना है , अब उसने अपने मन को मकाम कर लिया था , सोच रहा था जितना हो सके उतना जल्दी अपने आप को इस जगह के लिए बना ले,
अब उसके पास खाने और पीने का बंदोबस्त हो गया था , दो से तीन नारियल उतारकर वह उसी नारियल के नीचे बैठ गया और उसे खाने लगा सबसे पहले उसने उस नारियल का मीठा मधुर पानी पिया उसके बाद उसमें जो मिलाई थी वह खाने लगा , अब तक उसे यह पता चल गया था कि यहां से बाहर निकलना नामुमकिन है जब तक जीना है यहीं पर जीना है , अब उसने अपने मन को मकाम कर लिया था , सोच रहा था जितना हो सके उतना जल्दी अपने आप को इस जगह के लिए बना ले,
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