Island का सफर part 2 - सफ़र की शुरुआत

Island का सफर एक बहादुर बच्चे की कहानी
हेल्लो दोस्तों island की सफर , हमारी कहानी समुंद्र की है इसलिए इस सफर की शुरुआत करने से पहले बहुत अच्छी शायरी में आप कुछ कह सुनाना चाहता हूं की लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती , हम बात कर रहे थे एक लड़की कि जिस लड़के ने अपनी लाइफ में कभी समंदर नहीं देखा था वह लड़का आज एक शिप में जा कर बैठा था और सिर्फ आगे बढ़ रही थी , धीरे धीरे शिप आगे बढ़ रही थी उसी के साथ वह लड़का बहुत डरने लगा, वह सोचने लगा कि अब मैं घर कैसे जाऊंगा तभी अचानक समुद्र में आधीऔर तूफान शुरू हो गया सब लोग डरने लगे,

अब उस लड़की के साथ वहां बैठे सब लोग डरने लगे थे तूफान के बहाव से शिप ज्यादा देर तक नहीं रह पाई , सब लोग बैठ के साथ पानी में गिर गए कुछ लोग की जान चली गई कुछ लोग अपने आप को बचाने के लिए इधर-उधर हाथ हिलाने लगे , लेकिन कहते हैं ना कि डूबते हुए को सिर्फ तिनके का सहारा मिल जाए तो भी वह बच सकता है ,
इसी प्रकार उस लड़के के हाथ में एक लकड़ी का टुकड़ा आ गया उस टुकड़े को पकड़कर अपनी आंख बंद करके वह रोता रोता लकड़ी के टुकड़े के साथ एक island तक पहुंच गया , उस लड़केेेे की हालत बहुत खराब थी ना ही वह चल सकता था और ना ही कुुुछ बोल सकता था , कुछ देर तक वह island के किनारे पर सो गया ,
इसी प्रकार उस लड़के के हाथ में एक लकड़ी का टुकड़ा आ गया उस टुकड़े को पकड़कर अपनी आंख बंद करके वह रोता रोता लकड़ी के टुकड़े के साथ एक island तक पहुंच गया , उस लड़केेेे की हालत बहुत खराब थी ना ही वह चल सकता था और ना ही कुुुछ बोल सकता था , कुछ देर तक वह island के किनारे पर सो गया ,
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Island का सफर एक बहादुर बच्चे की कहानी |
तकरीबन 16 घंटे के बाद उसे होश आया , जब उसे वापस आया तो उसने देखा कि वह किसी अलग ही दुनिया में आ गया चारों और बस पानि ही दिखाई दे रहा था अब सोचने वाली बात यह थी कि उस जगह से वह कर कैसे जाएं , क्या दोस्तों आपके पास कोई उपाय है ,
कुछ देर वह आस-पास देखता रहा वह सोचने लगा कि वह लोग कहां गए जो लोग मेरे साथ थे उसने दूर-दूर तक देखा लेकिन उस शिप के टुकड़े भी उसे दिखाई नहीं दिए , वह रोने लगा कि अब क्या करेगा कहां जाएगा और आगे इतना घना जंगल था कुछ वक्त के लिए तो उसे पता ही नहीं था कि आखिर वह है कहां पर ,
कुछ देर वह आस-पास देखता रहा वह सोचने लगा कि वह लोग कहां गए जो लोग मेरे साथ थे उसने दूर-दूर तक देखा लेकिन उस शिप के टुकड़े भी उसे दिखाई नहीं दिए , वह रोने लगा कि अब क्या करेगा कहां जाएगा और आगे इतना घना जंगल था कुछ वक्त के लिए तो उसे पता ही नहीं था कि आखिर वह है कहां पर ,
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